पटाखो पर रोक लगाने बाले न्यायधीशों की सच्चाई, रोक लगाने की वजह जानकर हैरान रह जाओगे

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पटाखो पर रोक लगाने बाले न्यायधीशों की सच्चाई, रोक लगाने की वजह जानकर हैरान रह जाओगे
दिल्ली में कोर्ट ने दीवाली के अवसर पर पटाखों पर बेन लगाने का फैसला दिया है जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है आप इस फैसले के पीछे कौन है इसकी सच्चाई जानकर हैरान रह जायेंगे क्योंकि न्यायधीशों ने किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर ही ऐसा फैसला दिया है|




जिन तीन न्यायधीशों ने ये फैसला दिया है उन सभी के तार कहीं न कहीं कांग्रेस से जुड़े हैं और ये लोग अपनी गतिविधियों के लिए पहले से ही बदनाम भी है और विवादों में भी रहे हैं जो कि इनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह भी खड़ा करते हैं ?

जस्टिस एके सिकरी : ये महाशय दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं, ये 1977 से 1998 तक दिल्ली हाई कोर्ट में वकील रहे हैं और 1999 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की अनुशंषा पर न्यायधीश नियुक्त किये गये हैं, ये सरकारी खर्चे पर विदेश यात्राएं करने के लिए मशहूर हैं ?

जस्टिस अभय मनोहर सपरे : ये जबलपुर से हैं और इन्हें भी प्रणव मुखर्जी द्वारा ही भारी विरोध और दवाब के बीच नियुक्त किया गया है, इनका इतिहास भी काफी विवादित रहा है ?

जस्टिस अशोक भूषण : ये भी सीधे प्रणव मुखर्जी द्वारा ही नियुक्त किये गये हैं और इन्हें मंजुला चेल्लुर के सुझाव के आधार पर नियुक्त किया गया है ?

इन तीनों का कांग्रेसी प्रणव मुखर्जी द्वारा नियुक्त किया जाने कोई इत्तेफाक नहीं है ये हिन्दू विरोधी मानसिकता के व्यक्ति हैं इसलिए सिर्फ हिन्दू त्योहारों पर ही इनका पर्यावरण प्रेम जागता है| ये वातानुकूलित कमरों में बैठकर पर्यावरण के प्रति सचेत होने का ढोंग करते हैं ?
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