लोगों को सुप्रीम कोर्ट के मी-लार्डों से होने लगी है नफरत, हर फैसला हिंदुस्तानियों के खिलाफ

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लोगों को सुप्रीम कोर्ट के मी-लार्डों से होने लगी है नफरत, हर फैसला हिंदुस्तानियों के खिलाफ

भारत के सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा अजीब अजीब से फैसले दिए जा रहे हैं, कुछ दिन पहले दीवाली पर पटाखा बेचने पर रोक लगा दी गयी जिसकी वजह से हजारों व्यापारी बर्बाद होने वाले हैं, दो दिन पहले रोहिंग्या को भारत से भगाने पर रोक लगा दी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक रोहिंग्या मामले की सुनवाई हो रही है तब तक रोहिंग्या को भारत से भगाया ना जाए, उनका ख्याल रखा जाए क्योंकि ये मानवता का सवाल है. उसके पहले दही हांडी पर 18 वर्ष से कम आयु के गोविन्दाओं के भाग लेने पर बैन लगा दिया था.



सुप्रीम कोर्ट के पास हर चीज के लिए समय है लेकिन इनके पास राम मंदिर मामले की सुनवाई के लिए समय नहीं है, जब भी कोर्ट में राम मंदिर मामले की फाइल जाती है उसे 2-4 महीनें के लिए आगे खिसका दिया जाता है. ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज किसी एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं.

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ रोष प्रकट किया जा रहा है, लोगों को मीलार्ड शब्द से ही नफरत होने लगी है क्योंकि लोगों को लगने लगा है कि सुप्रीम कोर्ट हिन्दुओं के खिलाफ फैसले सुना रहा है और जान बूझकर उनके सब्र का इम्तिहान ले रहा है. कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज कांग्रेसी मानसिकता वाले हैं और उन्हें कांग्रेस ने ही नियुक्त किया था इसलिए मी-लार्ड लोग कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं.
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